Thursday 6th of November 2025 03:32:09 PM

Breaking News
  • भगदड़ विवादों के बीच विजय का ऐलान ,2026 में जीतेंगे चुनाव ,कोई रोक नहीं पाएगा|
  • सेना को राजनीति में मत घसीटों ,राजनाथ सिंह को राहुल गाँधी को दो टूक|
  • मिर्ज़ापुर में कार्तिक पूर्णिमा से लौट रही 6 महिलाओं की ट्रेन से कटकर मौत |
  • मारुती सुजुकी ने घरेलू बाज़ार में तीन करोड़ की बिक्री का आंकड़ा पार किया |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 18 Oct 2020 6:17 PM |   402 views

न्यायाधीशों को निडर होकर लेने चाहिए निर्णय: न्यायमूर्ति एन.वी. रमण

नयी दिल्ली-  उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन.वी. रमण ने कहा कि न्यायपालिका की सबसे बड़ी ताकत उसमें जनता का भरोसा है और न्यायाधीशों को ‘‘अपने सिद्धांतों के प्रति अटल’’ रहना चाहिए तथा सभी दबावों और प्रतिकूलताओं के बावजूद ‘‘निडर होकर निर्णय’’ लेने चाहिए।

दरसअल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए हाल में भारत के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे को पत्र लिख न्यायमूर्ति रमण पर आरोप लगाए हैं। इस पृष्ठभूमि में न्यायमूर्ति रमण की टिप्पणियां खास मायने रखती हैं।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.आर. लक्ष्मणन की शोक सभा में शनिवार को न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘न्यायपालिका की सबसे बड़ी शक्ति है लोगों का इसमें विश्वास। निष्ठा, विश्वास और स्वीकार्यता को अर्जित करना पड़ता है।

पूर्व न्यायमूर्ति ए.आर. लक्ष्मणन का 27 अगस्त को निधन हो गया था।

रेड्डी के पत्र लिखने से शुरू हुए विवाद के बाद पहली बार न्यायमूर्ति रमण ने किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में टिप्पणी की है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक न्यायाधीश के लिए जरूरी है कि वह अपने सिद्धांतों पर अटल रहे और निर्भय होकर फैसले ले। किसी भी न्यायाधीश की यह विशेषता होनी चाहिए कि वह सभी अवरोधकों के खिलाफ और सभी दबावों तथा प्रतिकूलताओं के बावजूद साहस से खड़ा हो सके।

पूर्व न्यायाधीश को याद करते हुए न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि हम सभी को उनके शब्दों से प्रेरणा लेनी चाहिए और न्यायपालिका की स्वतंत्र को कायम रखने के लिए प्रयास करने चाहिए, जिसकी आज के दौर में बहुत जरूरत है।

रेड्डी ने छह अक्टूबर को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एस. ए. बोबडे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय का इस्तेमाल ‘‘मेरी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर एवं अपदस्थ करने में किया जा रहा है।

रेड्डी ने सीजेआई से मामले पर गौर करने का आग्रह किया और ‘‘राज्य न्यायपालिका की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने’’ पर विचार करने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश की तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से नजदीकी है और ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश इस तथ्य को सामने लाए।

( भाषा )

Facebook Comments