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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 10 Apr 2020 5:50 PM |   524 views

गुड फ्राइडे

 

गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। यह त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में मनाया जाता  है|

ईसाई धर्म में ऐसी मान्यता प्रचलित है कि ईसा मसीह परमेश्वर के बेटे थे। लेकिन उन्हें मृत्युदंड दिया गया क्योंकि वह अज्ञानता के अंधकार को दूर कर लोगों को जागरूक कर रहे थे। गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था इसलिए इस दिन उनके बलिदान को याद किया जाता है। ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार ईसा मसीह का कोई दोष नहीं था। लेकिन उन्‍हें क्रॉस पर लटका कर मारने का दंड दिया गया। उन्हें मृत्यु से पहले बहुत सी यातनाएं भी दीं गयीं। उनके सिर पर कांटों का ताज पहनाया गया और गोल गोथा नाम की जगह पर ले जाकर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। इतनी यातनाओं को सहन करने के बावजूद अपने हत्‍यारों की उपेक्षा करने के बजाए यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, ‘हे ईश्‍वर! इन्‍हें क्षमा कर दें, क्‍योंकि ये नहीं जानते कि ये क्‍या कर रहे हैं। 
 
गुड फ्राइडे को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे तो यह त्यौहार एक दिन मनाया जाता है लेकिन इस त्यौहार की तैयारी 40 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। ईसाई धर्म के मानने वाले 40 दिन पहले से उपवास रखना शुरू कर देते हैं। इस उपवास की खास बात यह है कि इसमें हमेशा शाकाहारी खाना खाया जाता है। 40 दिनों का उपवास खत्म होने के बाद लोग चर्च जाते हैं और ईसा मसीह की स्मृति में शोक मनाते हैं।
 
गुड फ्राइडे के दिन सभी गिरजाघरों में खासतौर का आयोजन होता है। लोग यहां प्रार्थना करने के लिए आते हैं। इस आयोजन की खास बात यह होती है कि इस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाते हैं। क्रॉस को चूमकर लोग प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं।
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