नव नालंदा महाविहार में हिन्दी पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया
नव नालन्दा महाविहार (सम विश्वविद्यालय), नालंदा में हिन्दी पखवाड़े का शुभारंभ श्वेंंनत्सांग परिसर के निकट वृक्षारोपण कार्यक्रम से हुआ। इस अवसर पर कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने भाषा और पर्यावरण के सम्बंध को सहज बताया।
मुख्य परिसर में हिन्दी पखवाड़े का उद् घाटन समारोह हुआ। मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं संचार संकाय के डीन प्रो. अरुण भगत थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता की प्रो. वैद्यनाथ लाभ, कुलपति महोदय , नव नालंदा महाविहार ने।
अपने सम्बोधन में प्रो. अरुण भगत ने कहा कि हिन्दी राष्ट्र बोध, अस्मिता, राष्ट्र निर्माण, भारत बोध की भाषा है। हिन्दी दिवस राष्ट्रीय पर्व की संज्ञा से अभिहीत है। हिन्दी राष्ट्रीय संचेतना की भाषा है।इसमें सर्वसंग्रहवाद है। यह हज़ारों वर्षों की लोक साधना की भाषा है। यहाँ लाल भी टहटह लाल होता है। हिन्दी भाषा में अनुकूल प्रभाव की क्षमता है। उपसर्ग व प्रत्यय ने इसका सौंदर्य बोध बढ़ाया है। हिन्दी की पत्रकारिता जीवंत व बलिदानी रही है। साहित्यकार पत्रकार भी थे ,स्वाधीनता सेनानी भी। स्वधीनता जीवन का सबसे बड़ा धन है।
स्वागत भाषण में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव ” परिचय दास” ने हिन्दी की शक्ति का बखान किया तथा उसमें अपने समय की जीवंत भाषा बताया। उसमें फिल्म , कला, संगीत, विचार आदि को अभिव्यंजना देने की क्षमता है।
अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. वैद्यनाथ लाभ , कुलपति महोदय ने कहा कि हिन्दी किसी पर थोपी नहीं गई है, उल्टे अंग्रेज़ी थोपी गई है। फिल्मोंं से हिन्दी की क्षमता का चतुर्दिक विकास हुआ है। हिन्दी किसी का विरोध नहीं करती। हिन्दी को जानना भारत को जानना है। व्याकरण भले बांधे, भाषा प्रवाह देती है। हिन्दी विश्व जनमानस की भाषा बनेगी।
संचालन में डॉ. हरे कृष्ण तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर ने कहा कि हिन्दी भाषा प्रगति की ओर अग्रसर है। उसका विकास हर क्षेत्र में हो रहा है। हिन्दी सबका दिल जीतने वाली भाषा है। धन्यवाद ज्ञापन सहायक आचार्य डॉ. अनुराग शर्मा ने किया।
इस अवसर पर डॉ नीहारिका लाभ के अलावा आचार्यगण , गैर शैक्षणिक सदस्य, रजिस्ट्रार डॉ. सुनील सिन्हा , शोध छात्र, छात्र , अन्य हिन्दी प्रेमी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के आरंभ में डॉ धम्म ज्योति और डॉ नरेंद्र दत्त तिवारी ने मंगल-पाठ किया।
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