कुंडलियां
घर में पूजा कीजिए,घर में पढो नमाज।
कोरोना का बंद हो, दहशतगर्दी साज।।
दहशतगर्दी साज, सुरक्षित देश हमारा।
कोरोना ने ललकारा है, विवेक हमारा।।
कह “सागर” कविराय, आस्था जिंदा हमसे।
लोकडाऊन भी यही ,कह रहा है कब से।।
डर के आगे जीत है,घर में जाकर बैठ।
बाहर जानें के लिए, इतना भी ना ऐंठ ।।
इतना भी ना ऐंठ ,बचाले ये जिंदगानी।
घर से बाहर मौत है, ना कर ये नादानी।।
कह “सागर” कविराय कोरोना बडा ही जिद्दी।
पूरी दुनिया की उतार दी ,जिसने चड्डी।।
डॉ.नरेश कुमार “सागर”
ग्राम- मुरादपुर- सागर कॉलोनी, जिला- हापुड (उत्तर प्रदेश)
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