हरियाली अमावस्या के दिन करें वृक्षारोपण
हिन्दू धर्मशास्त्र में श्रावण मास का विशेष महत्व है यह प्रकृति के श्रृंगार का मास है | इस महीने में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है | इसलिए
हिन्दू धर्मशास्त्र में श्रावण मास का विशेष महत्व है यह प्रकृति के श्रृंगार का मास है | इस महीने में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है | इसलिए
आज धम्मचक्र प्रवर्तन दिन है। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। राजकुमार सिद्धार्थ गौतम ने आषाढ़ पूर्णिमा के दिन 29 वर्ष की आयु में
कुशीनगर -शांति पुंज की स्थापना का उद्देश्य मनुष्य का आंतरिक रूपांतरण रहा है। व्यावसायिक वृत्ति मनुष्य के केन्द्र में है। आंतरिक रूपांतरण इस वृत्ति से हमें बचाता है। उक्त
शिव पुराण की कोटिरुद्रसंहिता में बताया गया है कि शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को भोग एवं मोक्ष दोनों ही प्राप्त होते हैं। ब्रह्मा, विष्णु तथा माता पार्वती के
आज से गुप्त नव रात्रि आरंभ हो रही है, जो 11 फरवरी शुक्रवार को विजयादशमी के साथ संपन्न होगी। आज गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन पूर्वाह्न 11:34 से मध्याह्न 12:27
मकर संक्रांति का अर्थ है सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना| कुल बारह राशियाँ होती हैं और सूर्य क्रमशः प्रत्येक राशियों से होते हुए गुजरता है| लेकिन मकर राशि
दीपावली को दीपों का त्योहार कहा जाता है। दिवाली भारत का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा त्यौहार है।यह त्योहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
शरीर में जो स्थान हृदय का होता है बुद्धिज्म में पंचशील का वही स्थान है। जैसे बिना धड़कन के शरीर की कोई उपयोगिता नहीं है, वैसे ही पंचशील के बिना
विश्वकर्मा पूजा सम्पूर्ण भारत में बड़ें ही आस्था के साथ मनाया जाता है |ऐसा माना जाता है कि ब्रम्हांड के सबसे बड़े शिल्पी और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा थे |इनकी पूजा
जीवन दु:ख नहीं है, जीवन में दु:ख है जीवन में सुख भी है, दु:ख भी है जब सुख होता है तब दु:ख विद्यमान नहीं होता है। लेकिन, जब दु:ख आता
जीवन दु:ख नहीं है, जीवन में दु:ख है जीवन में सुख भी है, दु:ख भी है जब सुख होता है तब दु:ख विद्यमान नहीं होता है। लेकिन, जब दु:ख आता