ईद के मौके पर अजमेर दरगाह में खुला जन्नती दरवाजा, तोप दागने के बाद अदा हुई नमाज
अजमेर: देशभर में आज ईद उल फितर का जश्न मनाया जा रहा है. ऐसे में विश्व विख्यात ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह शरीफ (Ajmer Sharif Dargah) में भी अकीदतमंदों का
अजमेर: देशभर में आज ईद उल फितर का जश्न मनाया जा रहा है. ऐसे में विश्व विख्यात ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह शरीफ (Ajmer Sharif Dargah) में भी अकीदतमंदों का
गोरखपुर- गोरखनाथ मंदिर के ओपन थियेटर में हिंदू नववर्ष की पूर्व संध्या पर 8 अप्रैल को सायं 7.00 बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है । कार्यक्रम
राम जन्मभूमि मंदिर में अपने जन्मस्थान पर श्रीरामलला जी 22 जनवरी 2024 को विराजमान हो गये इसके पीछे लगभग 500 साल का संघर्षपूर्ण इतिहास है साथ ही साथ मुझे इस
भगवान श्रीकृष्ण ने 12 महीनों में अपने को मार्गशीर्ष/अगहन मास बताया है | बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्। मासानां मार्गशीर्षोडहमृतूनां कुसुमाकरः। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता जयंती एवं इस माह की
नॉएडा -महर्षि महेश योगी संस्थान के तत्त्वावधान में महर्षि आश्रम द्वारा श्री रामकथा ज्ञान-यज्ञ का आयोजन नोयडा में किया जा रहा है। कथा- दान कर रहे हैं- सतीश सद्गुरु नाथ।
कुशीनगर- जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सिंह प्रताप देव ने उ0प्र0 शासन के हवाले से बताया कि कि हज कमेटी आफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा http://.hajcommittee.gov.in पर हज सत्र 1445 हि0-2024 की घोषणा की गयी
जालौन:- बुंदेलखंड की कई ऐसी संस्कृतियां है जिसके बारे में बहुत से लोगों को अभी तक कुछ भी पता नहीं है। बुंदेलखंड के जालौन में शरद पूर्णिमा पर अनोखी परंपरा मनाई
महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था और उनका पालन जंगल में रहने वाली भील जाति में हुआ था, जिस कारण उन्होंने भीलों की परंपरा को अपनाया और आजीविका के लिए
भारत नेपाल की सोनौली सीमा से महज आधे घंटे की दूरी पर पहाड़ की चोटियों पर स्थित कामाख्या मंदिर से कंचनजंगा की बर्फीली चोटियों के साथ शीतल हवाओं के बीच
बाग बान हर दिन बागीचे में पौधे – वनस्पति को पानी देता है। लेकिन फल ऋतु पर ही आता है। जीवन का भी ऐसा है। धैर्य रखना चाहिए। समय पर
बाग बान हर दिन बागीचे में पौधे – वनस्पति को पानी देता है। लेकिन फल ऋतु पर ही आता है। जीवन का भी ऐसा है। धैर्य रखना चाहिए। समय पर