सावन से कजरी का सम्बन्ध
कजली सावन के महीने में गाए जाने वाला वह समूह गायन है जिसमें स्तुति, वंदना, विरह- विछोह, प्रकृति वर्णन आदि का चित्रण किया जाता है| कहा जाता है कि कजली की
कजली सावन के महीने में गाए जाने वाला वह समूह गायन है जिसमें स्तुति, वंदना, विरह- विछोह, प्रकृति वर्णन आदि का चित्रण किया जाता है| कहा जाता है कि कजली की
यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रम् तस्य करोति किं लोचनाभ्याम विहिनस्य, दर्पण: किं करिश्यति अर्थात:- जिस
मानव सभ्यता का इतिहास इस सत्य को उजागर करता है कि मनुष्य ने अपने अतीत को सुरक्षित रखने का प्रयास किया, क्योंकि विधाता की सृष्टि में मनुष्य उसकी सर्वश्रेष्ठ रचना
आज जो भी लोग उम्र के पाँच दशक पूरे कर चुके होंगे, वे कभी न कभी तांगे या इक्के पर जरूर बैठे होंगे।उनमें से कुछ लोग बैलगाड़ी पर भी बैठे
समता मूलक और शोषण मुक्त समाज बनाने, शिक्षा का अधिकार दिलाने, और महिलाओं को शिक्षित करके उनमें स्वाभिमान जगाने के लिए जिस तरह से दलित संत और समाज सुधारकों में
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल की सरकारों ने निर्देश दिया कि इस बार कोरोना से बचाव हेतु लोग छठपर्व अपने-अपने छत पर मनावें। यही निर्देश दिल्ली की आप सरकार ने
यह कहना कितना यथार्थ है कि ” साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल | वास्तव में इसका मूल स्रोत महात्मा गांधी की सर्वोत्मुखी प्रतिभा थी |गांधी जी आजीवन ‘
प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के हित के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों /सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप
योग प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है |सनातन परम्परा एवं मानव धर्म की परम उपलब्धि जीव का शिव से मिलन अर्थात मोक्ष है | इसमें
भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि जगत से हमारे जीवन की अधिकतम आवश्यकताओं की आपूर्ति होती है। किंतु किसान का जीवन 70-72 बरसों की आजादी के बाद भी विपन्न
भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि जगत से हमारे जीवन की अधिकतम आवश्यकताओं की आपूर्ति होती है। किंतु किसान का जीवन 70-72 बरसों की आजादी के बाद भी विपन्न