हिंदी दिवस
“हिंदी के द्वारा सारे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है – स्वामी विवेकानंद
किसी भी संप्रभुत राष्ट्र के लिए एक संविधान , राष्ट्रीय ध्वज और एक राष्ट्र भाषा होना चाहिए |भारत को एकता के सूत्र में बाधने के लिए राज भाषा के रूप में हिंदी को सम्मान प्राप्त है |14 सितम्बर 1949 को हिंदी आधिकारिक राज भाषा और देवनागरी को अधिकारिक लिपि के रूप में स्वीकृति मिल गई |भारतीय संविधान के अनुच्छेद 351 के द्वारा हिंदी को अभिव्यक्ति के सभी माध्यमों के रूप में विकसित और प्रचारित करने का दायित्व केंद्र सरकार को दिया गया |
14 सितम्बर 1953 से हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत की गई | भारत विश्व का अनूठा देश है जहाँ हिंदी दिवस मनाया जाता है | इस संदर्भ में एक विद्वान का कथन है कि” भाषा समस्या के समाधान के लिए यथार्थ नीति , दूर दृष्टि व्यवहारिक ज्ञान , सहनशीलता , विश्वप्रेम आन्तरिकता और पारस्परिक सद्भावना की जरूरत है | हिंदी भारत को एक दुसरे से जोड़ने के लिए , राष्ट्रीय भावना को सशक्त बनाने के लिए सबसे उपयुक्त भाषा है |