हिंदी
आदर इंग्लिश पा रही, मैं होती बदनाम
जहाँ राष्ट्र भाषा नहीं, गूंगा है वह देश
हिंदी भाषी क्या करें, मन में रहती क्लेश
जहाँ देखिए खुल रहे, इंग्लिश के स्कूल
है हिंदी स्कूल में, उड़ती रहती धूल
छोड़ दिए अंग्रेज हैं, अपना हिंदुस्तान
आजादी के बाद भी, हिंदी का अपमान
हिंदी भाषा बोलते, आती क्यों है शर्म
अपनी भाषा बोलना, यही सभी का धर्म
बच्चों को रखते सभी, हिंदी से ही दूर
सदा उसी को रट रहे, जो भाषा है क्रूर
हिंदी दिवस मना कर, कर लेते संतोष
दिल दिमाग तो रिक्त है, जो हिंदी का कोश
निज भाषा में है छुपी, संस्कृति और विज्ञान
आओ मिलकर हम करें, हिंदी का सम्मान
अब अंग्रेजी छोड़ दो, तब होगा उत्थान
हिंदी को आदर मिले, होगा देश महान
ध्वनि विज्ञान नींव जहाँ, हिंदी है अनमोल
सुन लो प्यारे ध्यान से, अपनी भाषा बोल
– डाॅ0 भोला प्रसाद आग्नेय
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