अमृत का प्याला
ब्रह्म की राहों में, ऋषियों की कहानी है
धरती कुछ भी नहीं, मिट जाती निशानी है
धरती पर आना है, आकर फिर जाना है
जाने से पहले, करतब कुछ दिखलाना है
कुछ तो करके ही, सबको राह बतानी है
ब्रह्म की राहों में, ऋषियों की कहानी है
वो नील गगन सा है, तू उसमें सितारा है
नाम नहीं जिसका, वो तेरा सहारा है
दूर रहो उससे, हरकत जो बचकानी है
ब्रह्म की राहों में, ऋषियों की कहानी है
उसने ही पाला है, वो ही रखवाला है
सन्तों की वाणी तो, अमृत का प्याला है
आध्यात्म विधा में, सद्गुरु ही ज्ञानी है
ब्रह्म की राहों में, ऋषियों की कहानी है
धरती कुछ भी नहीं मिट जाती निशानी है
-डाॅ0 भोला प्रसाद आग्नेय
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