एक बूंद पानी
घर के बाहर बिलख रही
दु:खिया गौरैया रानी
ढूढ़ रही है मिला नहीं
पर एक बूंद भी पानी
ऊंचे ऊंचे महल अंटारी,
सुंदर बाग बगइचा
बाहर घास मखमली घर के
अंदर बिछा गलइचा
झूमर झालर से जगमग
बढ़ता है घर की शानी
ढूढ़ रही है मिला नहीं
पर एक बूंद भी पानी
कौआ बुलबुल और गिल
हरी- मैना की परेशानी
एक नहीं यह सभी परिंदों
की है दु:खद कहानी
अब तो इस भीषण गर्मी में
राम करे निगरानी
ढूढ़ रही है मिला नहीं
पर एक बूंद भी पानी
मिट्टी के बर्तन में मित्रों
पानी भरके लाएं
घर या छत के ऊपर या
फिर रस्सी से लटकाएं
धरती पर चिड़ियां मरें नहीं,
संकल्प यहीं लो ज्ञानी
ढूढ़ रही है मिला नहीं
पर एक बूंद भी पानी
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