होली आई
होली आई, होली आई
खुश हैं आसू -अंशू भाई
रंग-गुलाल, पिचकारी के संग
मीठी-मीठी गुझियां लाई
सब बच्चों की टोली सज रही,
झाँज,मजीरा, ढोलक बज रही
हँसी के गीत गा रहे कान्हा
.द्वार-द्वार बंट रही मिठाई
ऐसे बच्चे हैं मतवाले
रंगे-पुते मुँह लगें निराले
. होली रंग में ऐसे रंग गये
मानो विपुल संपदा पाई
हँसी के फूट रहे फब्बारे
होली में दुख मिट गये सारे
. घर-आँगन सब लगें सुहाने
होली की यह महिमा भाई
डाँ. राम सहाय बरैया ग्वालियर
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