बसंत पंचमी
भारत का धार्मिक और सांस्कृतिक त्यौहार है बसंत पंचमी | यह बसंत के पांचवे दिन से मनाया जाता है |बसंत पंचमी सर्दियों और धुंधो के अंत का प्रतीक है | बसंत पंचमी और बसंतोत्सव के बीच का समय प्राकृतिक सौन्दर्य की पराकाष्ठा का समय होता है | प्राकृतिक सौन्दर्य हर एक को आकर्षित करती है , और कण – कण से एक मधुर ,राग -रागिनी ध्वनित होने लगती है | प्रकृति अपने सौन्दर्य से सम्पूर्ण धरा को सजा देती है | पल -पल ,कण -कण इस सौन्दर्य का मुरीद हो जाता है ,मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो इसलिए तो बसंत को ऋतुराज भी कहा जाता है |
भारत में बसंत पंचमी से ही नए साल का प्रारंभ माना जाता है , यह उत्सव मनाने का एक अवसर है ,जीवन में निरंतरता स्वयं में एक उत्सव है |
बसंत पंचमी के साथ सरस्वती पूजन का भी प्रचलन है ,जो हमारे पौराणिक कथाओं पर आधारित है | स्वर और वाणी की देवी सरस्वती के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति भाव का त्यौहार बसंत पंचमी है |