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By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 7 Jan 2021 6:10 PM |   346 views

कैपिटल में घुसे ट्रंप समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प, चार लोगों की मौत

वाशिंगटन-अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक कैपिटल परिसर में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं। इसके साथ ही नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई।

कांग्रेस के सदस्य बुधवार को ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल परिसर में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इन हालात में प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

पुलिस ने बताया कि बुधवार को कैपिटल परिसर में हंगामे और दंगे के बीच एक पुलिस अधिकारी की गोली लगने से एक महिला की मौत हो गई। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं।

वाशिंगटन डीसी पुलिस प्रमुख रॉबर्ट कोंटे ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटल परिसर में किए दंगों को ‘‘शर्मनाक’’ बताया। पुलिस ने बताया कि तीन अन्य लोग भी इस घटना में मारे गए।

बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए। मेयर मुरियल बोसर ने दोपहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी।

अधिकारियों ने ट्रंप समर्थकों द्वारा करीब चार घंटे तक की गई हिंसा पर काबू पाने के बाद कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सहकर्मियों को लिखे एक पत्र में कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कैपिटल में शांति होने के बाद संयुक्त सत्र आज रात फिर शुरू करने का फैसला किया है। ट्रंप, जो पहले अपने समर्थकों को बढ़ावा दे रहे थे, हिंसा के बाद उन्होंने उनसे कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की।

ट्रंप ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘‘ यह चुनाव धोखाधड़ी भरे थे, लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे खुद को नुकसान पहुंचे और दूसरों को फायदा। हमें शांति चाहिए ही चाहिए। इसलिए घर जाएं।

राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी। ट्विटर ने चेतावनी भी दी कि अगर भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी।

वहीं, फेसबुक ने कहा कि वह दो नीतियों के उल्लंघन के मद्देनजर 24 घंटे के लिए राष्ट्रपति के अकाउंट पर रोक लगा रहा है। इस दौरान वह कुछ भी पोस्ट नहीं कर पाएंगे। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा।

बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘‘ इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अप्रत्याक्षित हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिस…और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला |

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट करना चाहूंगा। कैपिटल में अराजकता का यह दृश्य असल अमेरिका को प्रतिबंबित नहीं करता। हम जो हैं, उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता। हम देख रहे हैं, कि थोड़ी सी संख्या में कुछ कट्टरपंथी अराजकता फैला रहे हैं। यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।

उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी शपथ का मान रखते हुए, राष्ट्रीय टेलीविजन पर जाकर इसके अंत की मांग करते हुए संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘नेशनल गार्ड’ और अन्य ‘संघीय सुरक्षा सेवाओं’ को कैपिटल में इन दंगाइयों से निपटने में मदद करने का निर्देश दिया है।

कार्यकारी रक्षा सचिव क्रिस मिलर ने हालांकि कहा कि उन्होंने उप राष्ट्रपति माइक पेंस, सीनेट के नेता मैककोनेल, स्पीकर पेलोसी और सीनेटर शुमर से ‘नेशनल गार्ड’ की तैनाती को लेकर बात की है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र नहीं किया।

दंगे होने से पहले कांग्रेस 538 ‘इलेक्टोरल वोट’ में से 12 वोट को प्रमाणित कर चुकी थी और यह सभी राष्ट्रपति ट्रंप को मिले थे। अमेरिका के सभी चार जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिम्मी कार्टर ने भी हमले की निंदा की है।

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