Thursday 25th of April 2024 09:07:56 AM

Breaking News
  • हेमंत सोरेन ने खटखटाया सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा , ED की कार्यवाही और गिरफ़्तारी को दी चुनौती |
  • प्रियंका गाँधी ने बीजेपी पर लगाया असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप |
Facebook Comments
By : Nishpaksh Pratinidhi | Published Date : 26 Apr 4:13 PM |   355 views

सब्जियों में अधाँधुध कीटनाशकों का प्रयोग बन रहा घातक बीमारियों का कारण

अनाज  हो ,फल हो या सब्जी, अच्छीे पैदावार के लिए इनमें कीटनाशकों का जो प्रयोग हो रहा  है, उससे मानव सेहत को गंभीर खतरा है। कीटनाशक बनाने वाली कंपनियां ज्यादा  से ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में कीटनाशकों में जहर का ओवरडोज मिला रही  हैं।

आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौधोगिक विश्व विधालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र सोहाँव, बलिया   के अध्यक्ष डा. रवि  प्रकाश मौर्य ,प्रोफेसर (कृषि कीट विज्ञान)   ने बताया कि   किसान अपनी कीट सम्बन्धी समस्या लेकर   कीटनाशी बिक्रेता के पास जाते  है तो अधिकतर बिक्रेता सबसे जहरिला कीटनाशी पहली बार मे ही  दे देते है । या एक साथ कई कीटनाशी डालने हेतु प्रेरित करते है।जो मात्रा संस्तुत है  किसान उससे ज्यादा मात्रा फसल पर डालते है। ऐसा भी देखने मे आया है कि ज्यादा मात्रा होने से फसल झुलस भी जाती है।

फल, सब्जी या अनाज में मौजूद कीटनाशक कई  खतरनाक बीमारियों को जन्म दे रहे हैं. यह रसायन लीवर व किडनी जैसे  महत्वपूर्ण अंगों के लिए खतरनाक हैं. साथ ही कैंसर जैसी भी बीमारी पैदा  करते है। कम  खर्च में कारगर कीटनाशक की चाहत में किसान अपनी फसल में जहरीले रसायन डाल  रहे हैं. मुनाफे के खेल में कंपनियां किसानों को झांसा देकर अपना उल्लू  सीधा कर रही हैं. किसी भी कीटनाशक को तैयार करने में उसमें खतरनाक केमिकल  मिलाने का अनुपात निर्धारित है. कई रासायनिकों की जांच से भी खुलासा हो  चुका है कि इन्हें बनाने में तय मानकों का घोर उल्लंघन होता है|

अधिक उपज  के लिए किसान इन कीटनाशकों को जितना ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, उतने ही  अधिक कीट पतंगों की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ रही है|कीटनाश क युक्त फल, सब्जी ग्रहण करने से  आदमी के स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव पड़ता है।खाने-पीने की चीजों में मिले  हुए कीटनाशक जब मनुष्य के पेट में पहुंचते हैं तो वहां से रक्त में मिल कर  शरीर के सभी अंगों तक पहुंच जाते हैं। शरीर में मिलने के बाद कीटनाशक लिवर और किडनी को डैमेज करना  शुरू करते हैं। इसकी ज्यादा मात्रा हो जाने पर कैंसर का खतरा उत्पन्न हो  जाता है |कीटनाशकों के प्रभाव से गैस, एसिडिटी, अनिंद्रा आदि की  शिकायत बढ़ती है|  यह मस्तिक पर भी असर डालता है,  डॉक्टरो का कहना  हैं कि  कीटनाशकों के दुष परिणाम के कारण नपुंसकता और डायबिटीज के मामले बढ़ते जा  रहे हैं।

ज्यादा  कीटनाशक  युक्त अनाज फल या सब्जी के लगातार खाते रहने से ब्रेन और नर्व्स पर भी  इसका असर पड़ता है।सिर दर्द, उल्टी का अनुभव, अनिंद्रा, आंखों से धुंधला  दिखना आदि लक्षण दिख सकते हैं। शरीर में  कीटनाशक जाने के बाद यह लीवर और  किडनी को नुकसान पहुंचाने लगते हैं.कीटनाशकों के प्रयोग को लेकर किसानों को भी सजग होने की  आवश्यकता है।किसानो से सीधे  सब्जी  खाने के लिये क्रय किया जाता है तो फसल पर छिड़काव तक सीमित रहता है। परन्तु वही सब्जी जो स्थायी बिक्रेताओ से लिया जाता है तो कभी कभी ज्यादा घातक होता है। एक तो सब्जियाँ बासी कई दिनो की होती है तथा उसे हराभरा रखने के लिये मिलाकाइट ग्रीन रसायन मिलाते है।आम ,केला कार्बाईड से पकाते है। सेब के ऊपर मोम की परत चढा देते है।तरबूज मे लाल रंग सेक्रिन मे मिला कर ईन्जेक्शन लगा देते है।इससे बचने के लिये विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

मौसमी फल सब्जियो का सेवन करे। बैमौसम वाली सब्जियों का प्रयोग न करें क्योंकि मिलावट इसी मे ज्यादा होने की संम्भावना रहती है। सब्जियों को सिरके के पानी मे धोकर प्रयोग करें। सेब को  खाने से पहले छिलका हटा ले। जैविक खेती पर बिशेष बल देने की आवश्यकता है।कीटो के प्रबंधन हेतु कीटनाशी बिक्रेता जैविक कीटनाशी ,वायो एजेन्ट, फेरोमोन ट्रेप   की बिक्री करें। कीट ,बीमारी लगने पर इनकी प्रबंधन हेतु कीट रोग बिशेषज्ञ से राय जरुर ले।जनपद मे कृषि से सम्बंधित विभागों एवं  कृषि विज्ञान केन्द्र  से  अपनी समस्या का समाधान पा सकते है।

Facebook Comments