सोते समय क्यों आतें हैं झटके ?
अच्छी नीद लेना बहुत जरूरी है ,आजकल की भाग- दौड़ भरी जिन्दगी में 7 से 8 घंटे सोने के बाद ही व्यक्ति का मन – मस्तिष्क स्वस्थ्य रहता है |किन्तु किसी कारण यदि नींद पूरी नही होती है तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है |कभी – कभी तो ऐसा भी होता है सोते समय ही झटका लगता है और आप जग जाते है या नीद में ही गिर जाते हैं |ऐसा हाइपेनिक जर्क के कारण होता है |
क्या है हाइपेनिक जर्क?
यह कोई रोग नहीं है और ना ही कोई नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर है। दरअसल, सोने और जागने के बीच का समय हाइपोजेनिक स्टेज कहलाती है, जिसमें आप समझ नहीं पाते कि आप जाग रहे हैं या सो रहे हैं। यह एक दिमागी रिएक्शन है, जिसमें दिमाग की नसों में संकुचन होता है और आप संभल भी नहीं पाते। इसलिए नींद में आप जो भी देखते है वो आपको सच लगता है। इसी वजह से आप गिर भी जाते हैं या जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं।
कारण -हाइपेनिक जर्क का मुख्य कारण तनाव, चिंता और अवसाद है।
हाइपेनिक जर्क से बचने के उपाय –
1 – छोटा हो या बड़ा, हर व्यक्ति के लिए कम से कम 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। अपनी नींद पूरी करें और रोजाना सुबह एक ही समय पर उठने की कोशिश करें।
2 – कई बार आयरन की कमी के कारण भी यह डिसऑर्डर हो जाता है। ऐसे में अपनी डाइट में आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर चीजों को शामिल करें। आयरन की कमी को पूरा करने के लिए रोज दूध, दही, केले और नट्स खाएं।
3 – रात को सोने से पहले कॉफी, चाय या सोडा न पीये ।