महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि का पर्व हिन्दुओं के लिए अति महत्वपूर्ण है |जिसके आराध्यदेव देवादिदेव ‘ शिव ‘हैं |शिव के पूजा अर्चना के साथ यह पर्व मनाया जाता है |
” नमस्तुभ्यम विरुपाक्ष नमस्ते दिव्य चक्षुरो |
नम :यिनाकहस्ताय वज्रहस्ताय वे नम :
नाम्स्त्रिशुल हस्ताय दंडपाशा सिपाणये
नम्स्त्रे लोकनाथाय भूतानां पतये नम :
नम :शिवाय शांताय कारणत्रय हेतवे
निवेदयामि चात्मानं त्वं गीत : परमेश्वर :
हे शिव ,हे परमेश्वर ,हे अगति की अंतिम गति ,हे समस्त शान्ति की अंतिम विश्रांति मै अपनी समस्त सत्ता बोध का सब कुछ तुम्हारे चरणों में निवेदित क्र रहा हूँ |तुमको छोड़कर मेरा और कोई नही है ,कुछ भी नही है ,तुम्हारे बिना मेरा अस्तित्व ही नही है |
शिव के दो रूप हैं पहला तंत्र के शिव और दूसरा पौराणिक शिव ,दोनों में कोई साम्यता नही है |शिव तंत्र और वेद के स्रोत है |महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलने का उत्सव है |यह त्यौहार फाल्गुन मास के कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है |शिव सतचित आनंद परमानंद है |शिवसृष्टि के प्राण केंद्र हैं |महाशिवरात्रि के पावन बेला में शिव पार्वती के पूजा से सारे कष्ट दूर हो जातें है और मनोकामनाए पूर्ण होती है |शिव के अनेक नाम है – सदाशिव , महादेव ,रूद्र ,पशुपति ,वेदनाथ ,नटराज ,भूतनाथ ,भोलेनाथ, नील कंठ आदि |शिव समस्त प्राणियों के पालनहार हैं |
( नरसिंह )