शिव बनना होगा
हे दिगम्बर ,हे करुणा शंकर
हे शूलपाणि, हे नीलकंठ
दुश्मन का शिव संघार करो
बन करके महाकाल शंकर
मानवता की संरचना को
जो तहस -नहस करते रहते
बस उन पर अब तुम बार करो
बन रुद्र परशुहस्त शिव शंकर
हे दिगम्बर करुणा शंकर
उगलो त्रिनेत्र की ज्वाला को
त्राहिमाम कर अरि दलबल पर
अब तुम तांडव नृत्य करो
भर्ग पुष्दंतभीत शंकर
हे दिगम्बर ,करुणा शंकर
पाताल मे जाकर छिप जाएं
दुश्मन जो सहज न बच पाए
अब प्रहार प्रबल प्रचंड करो
बन भव चारुविक्रम हे शंकर
हे दिगम्बर करुणा शंकर
हे गिरीधन्वा ,हे त्रिपुरान्त्क
हे भीम , हे सुर्यग्निलोचन
अब तुम त्रिशूल का वार करो
बन सर्व महाकाल शिव शंकर
हे दिगम्बर ,करुणा शंकर
मातृरक्षा मे जीवन अर्पण
जो सहज भाव से करते है
करो उन वीरो की रक्षा तुम
बन सोम सदाशिव हे शंकर
हे दिगम्बर , करुणा शंकर
( यश पाल सिंह चौहान )