गज़ल
रुसवाइयों से उसको बचाने की बात हो
अगर इश्क हैं तो सबसे छिपाने की बात हो
आँखों मे अश्क आएं भी अगर प्यार मे कभी
मुस्कुराकर उनको गीत बनाने की बात हो
इस अंजुमन मे आपके आने से थी बहार
तन्हाई मे भी रंग जमाने की बात हो
फुर्सत के लम्हे आपको डसने लगे अगर
हँस -हँस कर बहरे गम को उड़ाने की बात हो
मुश्किल से आ सका है हाथों मे हाथ यह
यश उम्र भर यह साथ निभाने की बात हो
कुंवर यश पाल सिंह चौहान
(असिस्टेंट कमांडेंट, सीमा सुरक्षाबल , नई दिल्ली )
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