आयुर्वेद का वरदान -आवंला
“एक अनार सौ बीमार “यह कहावत तो आपने सुनी होगी ,परन्तु कोई जानता है ऐसा कौन सा फल है ,जो सौ मर्जो कि दवा है – वह है आवंला |आवंला कोई आम फल नही है ,यह एक औषधीय फल है |यह अनगिनत आरोग्य लाभों से परिपूर्ण है |इसमें कई स्वास्थ्य के लिए लाभदायक पोषक तत्वों एवं खनिज पदार्थ मिश्रित है |आवंला मे विटामिन सी का प्रचुर श्रोत है |इसके अलावा यह बहुमूल्य फल कैलिशियम, लौह ,प्रोटीन ,विटामिन ए,ई ,और बी काम्प्लेक्स जैसे बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर है |इस फल के असंख्य लाभ है |
आवंला से होने वाले लाभ –
आवंला एक प्राकृतिक बालो का टॉनिक है |यह न केवल बालो का विकास करता है ,उन्हें झड़ने से भी बचाता है |यह रुसी एवं गंजेपन का शत्रु है ,और सफ़ेद बालो से भी राहत प्रदान करता है |
आवंला आँखों कि दृष्टि मे सुधार लाता है एवं आँखों मे जलन और खुजली से राहत प्रदान करता है |
यदि आप दांतों को स्वस्थ्य और मजबूत बनाना चाहते हैं तो रोज आवले के गुद्दे को चबाये |
बुढापा एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे कोई रोक नही सकता परन्तु आवंला इस प्रतिक्रिया कि गति को मंद कर सकता है |
कब्ज और डायरिया हो या गंभीर बवासीर आवंला सब मे बहुत लाभकारी है |